Guruji Charudatta Thorat
विश्वार्थ जयानें त्यागीले प्राण |
तो जाणावां महान | सर्वांहुनीं ||
निर्विकार भक्ती जयाचे चित्ती |
तोच देखावां पूर्ण | सर्वांहुनीः ||
अनंत दत्ताश्रय अनंततत्त्वमय |
जेथ चारू निश्चय | करितसें |||
- गुरूवर्य श्री विष्णुभक्त चारूदत्त - अभंगगाथा