नेटका प्रपंच धारावा सकळ |
जेणे निख्खळ सौजन्य पाझरें || १ ||
नेटका सर्वगुणीत धारावे निर्मळ |
सत्जीवित जे सदैव सकळ || २ ||
सदैव विष्णुभक्त करिं विष्णुसीं |
प्राणदा उज्ज्वल समस्थप्रभूसींः || ३ |||
- गुरूवर्य विष्णुभक्त चारूदत्त
- Guruji Charudatta Mahesh Thorat